क्या आपको पता था कि जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार ने यह सभी कार्य भी करवाएं हैं?

क्या आपको पता था कि जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार ने यह सभी कार्य भी करवाएं हैं?

भारत के सिर का मुकुट कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर कभी भी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, नौकरियों की संभावनाओं या प्रोफेशनल कॉलेजेस के लिए प्रसिद्ध नहीं रहा है। इस ख्याति के लिए पूरा श्रेय शेख अब्दुल्लाह के परिवार को जाता है जिन्होंने कभी भी एक नए जम्मू कश्मीर के निर्माण करने की नहीं सोची। उल्टा बेवजह की परेशानियों और मुद्दों को लेकर जम्मू कश्मीर को उसमें उलझा कर रखा जिससे 'टू नेशन थ्योरी' जैसी बातों को और बल मिला। कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर को कभी आज़ादी के बाद से आगे बढ़ने ही नहीं दिया गया। 

■ प्रोफेशन कॉलेज और यूनिवर्सिटी - 

पिछले 4.5 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर के दिखाया गया है। वह राज्य जो आतंकवाद के दंश से सदैव जूझता रहता था, ऐसे राज्य को अब स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रसिद्धि मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर राज्य को IIT और IIM जैसे शैक्षणिक संस्थान दिए हैं जिसने इस राज्य को उन कुछ राज्यों की श्रेणी में ला खड़ा किया है जिनके पास IIT और IIM जैसे दोनों शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं। यह ऐसे राज्य की कहानी है जहां गोली और बंदूक की आवाज़ें कुछ साल पहले तक सुनाई देती थी। इसके साथ ही जम्मू और अवंतीपोरा में AIIMS का उद्घाटन जम्मू कश्मीर को देश का इकलौता ऐसा राज्य बना दिया है जहां पर दो AIIMS स्थापित हुए हैं। 

भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) का एक नया उत्तरी केंद्र जम्मू शहर को भी प्रदान किया गया है। ये मौलिक और जमीनी स्तर के विकास निश्चित रूप से नौकरियों के विकास के साथ बुनियादी ढांचे के मामले में जम्मू-कश्मीर राज्य को आगे बढ़ाते हैं। यह एक समृद्ध कैरियर की तलाश में जम्मू और कश्मीर के युवाओं का मेट्रो शहरों में पलायन को धीमा करने में मदद करेगा। इससे जम्मू कश्मीर राज्य को आर्थिक-सामाजिक लाभ मिलेगा। 

■ लद्दाख क्षेत्र -

पीएम मोदी न केवल जम्मू और श्रीनगर के हिस्से पर नजर गड़ाए हुए हैं, बल्कि वे लद्दाख क्षेत्र को भी विकसित कर रहे हैं, जिसे शेख अब्दुल्ला के परिवार और कांग्रेस पार्टी ने भारत की स्वतंत्रता के बाद से नजरअंदाज किया है। हाल ही में राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने लद्दाख के लिए नए प्रशासनिक प्रभाग के लिए आदेश दिया है। इसका मतलब है कि लद्दाख का अपना जिला आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक होगा। इससे पहले लद्दाख क्षेत्र राजस्व और प्रशासन के काम के लिए पूरी तरह से श्रीनगर प्रशासन पर निर्भर था। अब लद्दाख स्वतंत्र रूप से अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करेगा।

हाल ही में लद्दाख क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने लद्दाख विश्वविद्यालय की नींव रखी। यह लेह-लद्दाख क्षेत्र में पहला विश्वविद्यालय होगा जिसमें लेह, कारगिल, नुब्रा, ज़ुल्कर, द्रास और खलसी के डिग्री कॉलेज शामिल होंगे। सर्दियों के मौसम के दौरान लेह-लद्दाख क्षेत्र हमेशा बिगड़े मौसम की स्थिति के कारण संचार व्यवस्था और पूरे राज्य से कट जाता था। सड़क और राजमार्ग कनेक्टिविटी के संदर्भ में पीएम मोदी पहले ही कई राजमार्गों और अंडरपास सड़कों की नींव रख चुके हैं जो 24x7 और 365 दिन खोले जाएंगे और यह निश्चित रूप से लद्दाख क्षेत्र को सर्दियों के मौसम में दुनिया के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद करेगा।

■ जम्मू और कश्मीर राज्य का 100% विद्युतीकरण -

प्रत्येक विकसित क्षेत्र का एक अन्य पहलू अपने नागरिक को बिजली की उपलब्धता भी होता है। जम्मू और कश्मीर ने नवंबर 2018 में राज्य में 100% घरेलू विद्युतीकरण हासिल किया था और इस प्रकार “प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना” (सौभाग्य) के तहत परियोजना लागत का 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान प्राप्त करने के लिए योग्य बन गया था।

■ जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवाद -

किसी भी राज्य की मुख्य चिंता उसकी सुरक्षा, व्यवसाय और विकास होता है। यह सबसे कठिन क्षेत्र है जिसमें पीएम मोदी स्पष्ट रूप से विजेता के रूप में उभरे हैं। आतंकवादियों द्वारा मारे गए हमारे निर्दोष सेना के जवानों का बदला लेने के लिए जवाबी हमले के साहसिक निर्णय लेने से पहले वह कभी नहीं हिचके, जो उनकी मजबूत नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है। म्यांमार सीमा और उरी सेक्टर के पास सर्जिकल स्ट्राइक, दोनों ही उनके कठिन और साहसिक प्रशासनिक कौशल का प्रमाण हैं।

यदि पीएम मोदी मई 2019 में सत्ता में रहते हैं तो हमें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के लोग अधिक मौलिक और अवसंरचनात्मक विकास देखेंगे, जो निश्चित रूप से राज्य को कई पहलुओं को विकसित करने में मदद करेगा।

■ विश्लेषण -
जम्मू कश्मीर जैसे राज्य के बारे ने कहा जाता है कि इसने आज़ादी के बाद से ही हिंसा और रक्तपात के दृश्य देखे हुए हैं। ऐसे राज्य में विकास कभी पहुंचाने का कार्य न तो किसी केंद्र सरकार द्वारा गंभीरता से किया गया और न ही राज्य सरकारों द्वारा ही ऐसा कुछ कदम उठाया गया। इसने जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर के रख दिया। इन सबके बावजूद देश के द्वारा 2014 में चुने हुए नेतृत्व ने इस स्थिति में काफी हद तक सुधार किया है। इसका नतीजा अब जम्मू कश्मीर में देखने को मिल भी रहा है। 2019 जम्मू कश्मीर के भी भविष्य का निर्णय करेगा।

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