59 साल में तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल... 1960 में आया था प्रस्ताव, मोदी सरकार ने 4 साल पहले निर्माण को मंजूरी दी
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59 साल में तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल...
1960 में आया था प्रस्ताव, मोदी सरकार ने 4 साल पहले निर्माण को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल काे समर्पित करेंगे। यह उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक होगा जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है। अधिकृत प्रेस रिलीज के मुताबिक सोमवार को होने वाला यह आयोजन सेना की परंपरा के मुताबिक होगा, जिसमें मेमोरियल को जवानों को समर्पित किया जाएगा। मेमोरियल को देश की रक्षा की खातिर शहीद होने वाले 25 हजार 942 से वीर जवानों की याद में बनाया गया है।
- नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इससे लगे प्रस्तावित नेशनल वॉर म्यूजियम के लिए उपयुक्त डिजाइन तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी शुरुआती लागत करीब 500 करोड़ रुपए है और इसे तैयार होने में अभी कुछ साल और लगेंगे।
मध्य में बनीं 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति
छह भुजाओं (हेक्सागोन) वाले आकार में बने मेमोरियल के केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है। इस पर भित्ति चित्र, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई है। स्मारक चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र। इसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीदों के नाम दीवार की ईंटों में उकेरे गए हैं।
स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है।
स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है।
मोदी सरकार ने 4 साल पहले निर्माण को मंजूरी दी
पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों ने दिया था। सरकारों की उदासीनता, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध से इसका निर्माण नहीं हो सका। मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी।
पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों ने दिया था। सरकारों की उदासीनता, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध से इसका निर्माण नहीं हो सका। मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी।
इंडिया गेट 1931 में बना, 1972 में अमर जवान ज्योति
दुनिया के बड़े देशों में सिर्फ भारत में ही अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था। अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीयों की याद में 1931 में इंडिया गेट बनवाया था। 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी
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