इस से अच्छा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा, रेलकर्मियों के आएंगे अच्छे दिन
सुखद संयोग !!! वित्त मंत्रालय और रेल मंत्रालय दोनों एक साथ श्री पियूष गोयल साहब के पास। ये वही मंत्री है जिन्होंने पिछले एक साल में रेलवे का कायाकल्प किया है और रेलकर्मियों को बहुत प्रयाप्त महत्व दिया है। अब तो ये माना जा सकता है कि रेल कर्मियों के अच्छे दिन जरूर आ कर रहेंगे। रेलकर्मियों की बहुत सारी मांगे रेलवे बोर्ड ये कह कर टालता रहता है कि, रेल मंत्री ने चिट्ठी लिखी है लेकिन वित्त मंत्रालय नहीं मान रहा है। अब कौन सा बहाना है भाई। समय कम है, जितने भी पेंडिंग मामले है वित्तमंत्रालय में, सुलझ जानी चाहिए। सारे यूनियन/फेडरेशन/एसोसिएशन एक हो कर निर्णायक लड़ाई में शामिल हो। इतना अच्छा मौका शायद ही कभी मिले।
अगर इस बार भी हम फेल हुए तो ये बहुत ही दुखद बात होगी। हर रेलकर्मी को चाहिए कि, वो जंहा भी है अपनी बातों को यूनियन नेताओं तक अवश्य पंहुचाये , चाहे जो भी माध्यम हो। सोशल मिडिया से ले कर हर चर्चा में यही बातें हो। अगर किसी कारणवश ये मौका हाथ से छूटता है, तो रेलकर्मी दोनों शीर्ष नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेंगे। और एक बात उन्हें बता दीजिये, चुनाव नजदीक है, बहाना ढूंढना बहुत ही मुश्किल होने वाला है। और ये जो बीच वाले सुपरवाइजर कैडर है, जो सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, इन्हे साफ़ साफ़ समझ लेना चाहिए कि सही रास्ता क्या है, और उनकी मांग कैसे एक सफलतम मार्ग अपना सकती है। कुल मिलाकर ये स्वर्णिम अवसर शायद ही फिर कभी मिले।
अगर आप इन बातो से सहमत हो तो शेयर अवश्य करे। और आपके विचार कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।
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